Holi Dharmik Manyata aur Katha

Holi Dharmik Manyata

Holi Dharmik Manyata हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस पर्व का धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व प्राचीन काल से चला आ रहा है। होली केवल रंगों का त्योहार ही नहीं, बल्कि धर्म, श्रद्धा और भक्ति का पर्व भी है। इस पर्व का संबंध भगवान … Read more

Mahashivratri 2025: पूजा विधि, व्रत कथा और महत्त्व

Mahashivratri 2025

Mahashivratri 2025: हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का प्रतीक है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह पर्व पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र चढ़ाकर … Read more

Rudrabhishek: महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक का महत्व, विधि और इसके लाभ

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर रुद्राभिषेक(Rudrabhishek) का विशेष महत्व है। यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक अत्यंत प्रभावशाली अनुष्ठान है। इस पूजा में विभिन्न पवित्र सामग्री से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है और भगवान शिव के रुद्र रूप की आराधना की जाती है। मान्यता है कि रुद्राभिषेक से जीवन के समस्त कष्ट … Read more

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्त्व और दर्शन की विधि

12 ज्योतिर्लिंगों

महाशिवरात्रि भगवान शिव का सबसे पावन पर्व है। इस दिन शिव भक्त भगवान के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने की इच्छा रखते हैं। कहा जाता है कि जो भक्त इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करता है, उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे शिवलोक की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं भगवान शिव के … Read more

Holi 2025: इतिहास, महत्त्व, होलिका दहन और रंगों की होली खेलने के टिप्स

Holi 2025 festival

Holi 2025: भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक होली को “रंगों का त्योहार” कहा जाता है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, बल्कि यह लोगों के बीच प्यार और भाईचारे का संदेश भी देती है। इस साल Holi 2025 … Read more

Mahakumbh mela 2025: एक दिव्य उत्सव का महत्व, इतिहास और आयोजन

Mahakumbh mela 2025

MahaKumbh Mela 2025: जिसे दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है, भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह हर 12 साल में चार प्रमुख तीर्थ स्थलों – हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन, और नासिक – पर आयोजित होता है। 2025 में महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में किया जाएगा। यह अवसर … Read more