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Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics in Hindi: भावार्थ, PDF और अधिक जानकारी

Published On: April 8, 2025
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Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics in Hindi
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Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics in Hindi: (नमामी शमीशान निर्वाण रूपम्) श्री रुद्राष्टकम का प्रारंभिक श्लोक है, जिसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचा था। यह एक अत्यंत प्रभावशाली स्तुति है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह स्तोत्र शिव भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध है और प्रायः श्रावण मास, महाशिवरात्रि या रुद्राभिषेक के समय पढ़ा और गाया जाता है।

यहाँ हम आपको Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics in Hindi, इसका meaning, PDF download विकल्प, और English lyrics सब कुछ एक ही लेख में दे रहे हैं।

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Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics in Hindi (रुद्राष्टकम)

॥ श्री रुद्राष्टकम् ॥
(रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास जी)

1.
नमामीशमीशान निर्वाणरूपम्।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥१॥

2.
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं।
गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्।
करालं महाकाल कालं कृपालं।
गुणागार संसारपारं नतोऽहम्॥२॥

3.
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं।
मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा।
लसद्भाल बालेन्दु कंठे भुजंगा॥३॥

4.
चलत्कुण्डलं भस्मरक्तं त्रिनेत्रम्।
प्रशान्तं प्रियं नीलकण्ठं दयालम्।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं।
प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि॥४॥

5.
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशम्।
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम्।
त्रय: शूल निर्मूलनं शूलपाणिं।
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्॥५॥

6.
कलातीतं कालं करालं कृपालं।
गुणागार संसारपारं नतोऽहम्।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारि।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारि॥६॥

7.
न यावद् उमानाथपादारविन्दम्।
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशम्।
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम्॥७॥

8.
न जानामि योगं जपं नैव पूजाम्।
नतोऽहम् सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम्।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानम्।
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो॥८॥

॥ रुद्राष्टकम सम्पूर्णम् ॥

Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics with Meaning

4 श्लोक का सरल भावार्थ समझें:

  • पहला श्लोक: भगवान शिव को निर्वाण स्वरूप, सर्वव्यापी और निर्गुण ब्रह्म के रूप में नमन।
  • दूसरा श्लोक: ॐकार के मूल स्वरूप, ज्ञान से परे और महाकाल रूप की वंदना।
  • तीसरा श्लोक: हिमालय जैसे गौर वर्ण, गंगा धारण करने वाले और मस्तक पर चंद्रमा सजाए शिव की महिमा।
  • चौथा श्लोक: तीन नेत्रों वाले, भस्म लगाए और सर्पों को आभूषण बनाने वाले शंकर की स्तुति।

Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics in English

Namami shamishan nirvana roopam
Vibhum vyapakam brahma vedaswaroopam
Nijam nirgunam nirvikalpam nireeham
Chidakasha makasha vaasam bhajeham

Niraakaaram onkaara moolam tureeyam
Giraa gyaana gotitam eeshan geerisham
Karaalam mahaakaala kaalam kripaalam
Gunaagaar samsaara paaram nato’ham

Tushaaradri sankasha gauram gabheeram
Manobhoot koti prabha shree shareeram
Sphuran mouli kallolini chaaru ganga
Lasadbhaala balendu kanthe bhujanga

Chalat kundalam bhoo sunetram vishaalam
Prasannaananam neelakaandham dayaalam
Mrigaadheesha charmambaram mundamaalam
Priyam shankaram sarvanaatham bhajaami

Prachandam prakrishtam pragalbham paresham
Akhanda majam bhaanu koti prakaasham
Trayah shoola nirmoolanam shoolapanim
Bhajaaham bhavaani patim bhaavagamyam

Kalatita kalyaan kalpanta kaari
Sadaa sajjanaananda daata puraari
Chidaananda sandoh mohaapahaari
Praseeda praseeda prabho manmathaari

Na yaavad umaanaatha paadhaaravindam
Bhajanteeha loke parevaa naraanaam
Na taavat sukham shaanti santapa naasham
Praseeda prabho sarva bhootadhi vaasam

Na jaanaami yogam japam naiva poojaam
Nato’ham sadaa sarvadaa shambhu tubhyam
Jaraajanma dukkhaugha taatapyamaanam
Prabho paahi aapannamaameesha shambho

Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics PDF Download

PDF डाउनलोड करें हिन्दी ओर इंग्लिश मे ताकि आप इसे ऑफलाइन भी पढ़ सकें नीचे हिन्दी ओर इंग्लिश मे लिंक है

1. Namami Shamishan hindi 2. Namami Shamishan English

अनुराधा पौडवाल द्वारा Rudrashtakam Song

भक्ति संगीत प्रेमियों के लिए अनुराधा पौडवाल द्वारा गाया गया यह स्तोत्र अत्यंत मधुर और प्रभावशाली है। आप इसे यूट्यूब या म्यूजिक ऐप्स पर सर्च कर सकते हैं:
“Rudrashtakam Anuradha Paudwal”

निष्कर्ष

Namami Shamishan Nirvan Roopam” भक्ति और शिव की अनंत शक्ति का प्रतीक है। इसके नियमित पाठ से मन को शांति और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। PDF डाउनलोड करें और इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें!

Hindi Sanatan

नमस्ते मेरा नाम जगदीश कुमार है , मे hindisanatan.com मे चौघड़िया, मंत्र-स्तोत्र, भजन, पाठ और पूजा विधि जैसे आध्यात्मिक विषयों पर लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य सनातन धर्म की शुद्ध और प्रमाणिक जानकारी लोगों तक पहुँचाना है।

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