Hanuman Chalisa lyrics in hindi: हिंदू धर्म में हनुमान चालीसा का विशेष स्थान है। यह एक ऐसा पावन स्तोत्र है, जिसे भगवान हनुमान की भक्ति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित इस चालीसा में 40 चौपाइयाँ और दो दोहे शामिल हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति, मानसिक बल और जीवन की समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक माने जाते हैं। नियमित पाठ से न केवल भय दूर होता है, बल्कि कई शारीरिक और मानसिक परेशानियों का भी निवारण होता है। आइए जानते हैं Hanuman Chalisa lyrics in hindi ओर हनुमान चालीसा का पाठ किन 5 समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित होता है।
Table of Contents
इसे भी पढ़े – Ram Aayenge Lyrics – राम आएँगे तो अंगना सजाऊँगी भजन के बोल
हनुमान चालीसा लिरिक्स हिंदी| Hanuman Chalisa lyrics in hindi
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै।।
शंकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।
विद्यावान गुणी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को भावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहिं बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
हनुमान चालीसा लिरिक्स इंग्लिश | Hanuman Chalisa lyrics in English
Doha
Sri Guru Charan Saroj Raj Nijman Mukuru Sudhar.
I describe Raghubar pure glory which gives four fruits.
Knowing that my body is devoid of wisdom, I remember Pawan-kumar.
Give me strength, intelligence and knowledge, remove my troubles and ills.
Chaupaayi
Jai Hanuman, ocean of knowledge and virtues. Jai Kapis, enlightened in all the three worlds.
Ramdoot, abode of incomparable strength. Anjani’s son Pawansut.
Mahavir Vikram Bajrangi. Remover of evil thoughts and companion of wisdom.
He wears golden clothes. Earrings in ears and curly hair.
He wears thunderbolt and flag in his hands. He adorns his shoulders with sacred thread.
Shankar’s son Kesari Nandan’s brilliance and glory is great and is praised by the world.
Knowledgeable and virtuous, very clever. Eager to do Ram’s work.
It is very interesting to listen to the character of the Lord. Ram, Lakhan and Sita reside in my heart.
Taking a subtle form, he showed himself to Sita. Taking a fierce form, he burnt Lanka.
Taking the form of Bheem, he killed the demons. He accomplished the tasks of Ramchandra.
He brought Sanjeevani and saved Laxman. Shri Raghubir was delighted and embraced him.
Raghupati praised you a lot. You are my dear brother like Bharata.
Sahas bodi sing your praises. Saying this, Shripati embraced you.
Sanakadik, Brahma and other sages. Narada, Sarada and Ahisa.
Where are Jam, Kuber, the gods. Poets and Kovid could not tell you.
You did a favour to Sugreev. He got Ram and gave him the position of king.
Bibhishan took your advice. He became the king of Lanka. The whole world knows that he became the king of Lanka. Sun is at a distance of thousand yojnas, I know that it is sweet fruit.
Putting Lord’s ring in his mouth, he crossed the ocean, it is not surprising.
All the difficult tasks of the world, become easy with your grace.
Ram, you are the protector at my doorstep, nothing happens without my order.
All comforts are attained at your shelter, you are the protector, nobody should be afraid.
You maintain your power yourself, all the three worlds tremble at your call.
Ghosts and demons do not come near, when Mahaveer’s name is mentioned.
Diseases are cured, all pains are removed, by continuously chanting Hanuman’s name.
Hanuman frees from troubles, whoever concentrates on mind, action and words.
Ram is the ascetic king above all, you have accomplished all his tasks.
And whoever brings a wish, he gets immense fruit in life.
Your glory is in all the four ages. You are renowned as the light of the world.
You are the protector of saints and sages. You are the darling of Ram, the destroyer of demons.
Your eight siddhis and nine nidhies are bestowed upon you. Mother Janaki received such a boon.
You have the Ram Rasayan. Always be the servant of Raghupati.
Ram likes your worship. He forgets the pains of many births.
At the end of the life you go to Raghubar city. Where you are said to be a Hari devotee by birth.
Do not pay attention to any other god. All comforts are obtained through Hanuman.
Troubles and all pains are removed by remembering the valiant Hanuman.
Jai Jai Jai Hanuman Gosain. Kindly be kind like Gurudev.
Whoever recites this 100 times, will be freed from bondage and will attain immense happiness.
Whoever reads this Hanuman Chalisa, will attain siddhi, witness Gaurisa.
Tulsidas is always Hari’s servant. Make Lord’s home in your heart.
Doha
Pawantanay is the destroyer of troubles, the form of auspicious idol.
Ram Lakhan along with Sita, Hriday Basahu Sur Bhoop.
5 प्रमुख समस्याएं जिन्हें दूर करता है हनुमान चालीसा
1. मानसिक अशांति और तनाव
आधुनिक जीवनशैली में तनाव एक आम समस्या बन गई है। हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से मन को शांति मिलती है। चालीसा की यह पंक्ति मनोबल बढ़ाती है:
“बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।”
- लाभ: मन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- कैसे: प्रतिदिन सुबह-शाम पाठ करने से चिंता और डर कम होते हैं।
2. शारीरिक रोगों से मुक्ति
हनुमान चालीसा में बजरंगबली की महिमा बताई गई है, जो रोगों का नाश करते हैं:
“नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।”
- लाभ: नियमित पाठ से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- उदाहरण: लंबे समय से चले आ रहे रोगों में राहत मिलती है।
3. आर्थिक संकट और दरिद्रता
धन की कमी या नौकरी में अस्थिरता होने पर हनुमान चालीसा का पाठ विशेष फलदायी माना जाता है।
“सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।”
- लाभ: आय के नए स्रोत खुलते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- टिप: मंगलवार या शनिवार को लाल रंग के कपड़े में चालीसा रखकर पाठ करें।
4. भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का भय
अनिष्ट शक्तियों के डर से मुक्ति पाने के लिए हनुमान चालीसा को “कवच” की तरह प्रयोग किया जाता है:
“भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।”
- लाभ: घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
- विशेष: रात में सोने से पहले पाठ करने से नींद में खलल नहीं पड़ता।
5. कार्यों में बाधाएं और विफलता
नौकरी, व्यापार या पढ़ाई में लगातार असफलता मिल रही हो, तो हनुमान चालीसा का पाठ रामबाण उपाय है:
“दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।”
- लाभ: कामयाबी के रास्ते खुलते हैं और मुकदमों में जीत मिलती है।
हनुमान चालीसा पाठ करने का सही तरीका
- समय: सूर्योदय या सूर्यास्त के समय पाठ करें।
- स्थान: घर के मंदिर या स्वच्छ कोने में बैठें।
- मुद्रा: आसन बिछाकर सीधे बैठें और हनुमान जी की मूर्ति/चित्र सामने रखें।
- संख्या: नियमित 1 या 11 बार पाठ करें।
- ध्यान: पाठ के बाद “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
कौन कर सकता है हनुमान चालीसा का पाठ?
हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए कोई विशेष पात्रता नहीं है। यह सभी उम्र और जाति के लोगों के लिए खुला है:
- बच्चे: पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाने के लिए।
- व्यस्क: करियर और परिवार की समस्याओं के समाधान हेतु।
- वृद्ध: स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए।
शर्त: पूरी श्रद्धा और नियमितता के साथ पाठ करें।
हनुमान चालीसा के अन्य लाभ
- आत्मविश्वास: “बल बुधि बिद्या देहु मोहिं” – इस पंक्ति से मनोबल मजबूत होता है।
- संबंधों में मधुरता: परिवार के झगड़े शांत होते हैं।
- आध्यात्मिक उन्नति: मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
निष्कर्ष
हनुमान चालीसा सिर्फ एक स्तोत्र नहीं, बल्कि जीवन का सहारा है। इसके नियमित पाठ से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनता है। जैसा कि चालीसा में कहा गया है: “संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।” – यानी हनुमान जी का नाम लेने वाले का हर संकट टल जाता है। इसलिए, प्रतिदिन थोड़ा समय निकालकर इस पावन चालीसा का पाठ अवश्य करें और जीवन की बाधाओं को दूर करें।