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Holi 2025: इतिहास, महत्त्व, होलिका दहन और रंगों की होली खेलने के टिप्स

Published On: February 11, 2025
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Holi 2025 festival
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Holi 2025: भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक होली को “रंगों का त्योहार” कहा जाता है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, बल्कि यह लोगों के बीच प्यार और भाईचारे का संदेश भी देती है। इस साल Holi 2025 की 24 मार्च 2025 को मनाई जाएगी।

होली का इतिहास और पौराणिक कथा

होली के साथ कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध प्रह्लाद और होलिका की कथा है।

कहानी के अनुसार, प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे, लेकिन उनके पिता हिरण्यकशिपु भगवान का विरोध करते थे। हिरण्यकशिपु ने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद ली। होलिका के पास एक चमत्कारी वस्त्र था जो उसे आग से बचाता था। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका आग में जलकर भस्म हो गई। तभी से होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई।

Holi 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

होलिका दहन: 23 मार्च 2025 (रविवार)

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त: रात 08:49 से 10:15 बजे तक

रंग वाली होली: 24 मार्च 2025 (सोमवार)

होलिका दहन की विधि

  1. होलिका दहन स्थल को शुद्ध करें।
  2. लकड़ियां, गोबर के उपले और सूखे पेड़-पत्तों का ढेर बनाएं।
  3. परिवार के सभी सदस्य पूजा के समय एकत्रित हों।
  4. होलिका पर रोली, हल्दी, फूल और नारियल अर्पित करें।
  5. अग्नि प्रज्वलित करें और परिक्रमा करें।

Holi 2025 रंगों की होली कैसे मनाएं?

  1. केमिकल-मुक्त रंगों का प्रयोग करें: प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल करें ताकि त्वचा को नुकसान न हो।
  2. त्वचा और बालों की सुरक्षा: नारियल तेल लगाकर होली खेलें ताकि रंग आसानी से छूट जाए।
  3. पानी की बर्बादी से बचें: सूखी होली खेलें और पानी का संरक्षण करें।
  4. पारंपरिक व्यंजन: गुझिया, मालपुआ, ठंडाई और दही भल्ले जैसे व्यंजनों का आनंद लें।

होली के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

शराब या अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहें।

होली खेलते समय महिलाओं और बच्चों का सम्मान करें।

किसी पर जबरदस्ती रंग न लगाएं।

अपने आस-पास साफ-सफाई का ध्यान रखें।

होली का सांस्कृतिक महत्व

होली केवल रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों का संगम भी है। इस दिन लोग पुराने गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं। धार्मिक दृष्टि से यह त्योहार जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।

सारांच

होली का त्योहार प्रेम, भाईचारे और खुशियों का प्रतीक है। इस बार होली को प्राकृतिक रंगों के साथ खेलें और सकारात्मकता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।

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Hindi Sanatan

नमस्ते मेरा नाम जगदीश कुमार है , मे hindisanatan.com मे चौघड़िया, मंत्र-स्तोत्र, भजन, पाठ और पूजा विधि जैसे आध्यात्मिक विषयों पर लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य सनातन धर्म की शुद्ध और प्रमाणिक जानकारी लोगों तक पहुँचाना है।

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