Puja Sankalp mantra: हमारे हिन्दू धर्म मे जब हम कोई पूजा शुरू करते है तो सबसे पहले संकल्प लेते है। ताकि हमरी पूजा सही भाव से शुरू हो। ओर देवी-देवता तक हमारी मन की बात जाती है, संकल्प लेते है जब एक छोटा सा मंत्र बोला जाता है। आइए जानते है उस मंत्र के बारे मे की पूजा से पहले (sankalp lene ka mantra) ओर उसकी विधि केसे करे।
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संकल्प मंत्र क्या है? (Puja Sankalp mantra)
पूजा से पहले एक मंत्र बोल जाता है जिसे “संकल्प मंत्र” कहा जाता है। पूजा मे आप भगवान से अपने मन से ये बताते की आप कौन हैं, कहां हैं, किस कारण से आप पूजा कर रहे है, आज की तारीख, किस देवी-देवता की पूजा कर रहे है।
संकल्प लेने की विधि (Puja Sankalp mantra vidhi)
पूजा के शुरू में, दाहिने हाथ में थोड़ा पानी, चावल (अक्षत), फूल या कोई तिलक ले लें।
पूजा की जगह, समय और अपना नाम मन में सोच कर अथवा बोल कर मंत्र पढ़ें
Puja Sankalp mantra (विस्तृत):
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः
श्रीमद् भगवतो महापुरुषस्य विष्णोः आज्ञया प्रवर्तमानस्य अद्य ब्रह्मणः द्वितीय परार्धे, श्रीश्वेतवराहकल्पे, वैवस्वतमन्वन्तरे, अष्टाविंशतितमे कलियुगे, कलि प्रथम चरणे, जम्बूद्वीपे, भारतवर्षे, भरतखंडे, (अपने शहर/स्थान का नाम), मासे (महीना), शुक्ल/कृष्ण पक्षे, (तिथि), (वार), (नक्षत्र), (योग), (करण), एवं गुण विशेषण विशिष्टायां अस्यां तिथौ, (अपना नाम), (अपना गोत्र), अहं गृहे, (देवता या पूजा का नाम) प्रीत्यर्थं, (उद्देश्य) करिष्ये।
इसमे अपनी जगह, तारीख, महिना, तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, नाम, गोत्र, देवी-देवता ओर पूजा का कारण भरे।
सरल संकल्प मंत्र आसान हिन्दी मे:
“आज मैं (अपना नाम) अपने घर पर (देवता/पूजा का नाम) की पूजा कर रहा/रही हूँ, ताकि मेरे परिवार और खुद की भलाई, शांति, और इच्छाओं की पूर्ति हो सके।”
संकल्प मंत्र का मतलब
- विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः : भगवान विष्णु का तीन बार नाम लेना, उनकी शक्ति का आह्वान।
- ब्रह्मणः द्वितीय परार्धे…भारतवर्षे : वर्तमान समय व स्थान का उल्लेख।
- अपना नाम, गोत्र, स्थान आदि : खुद को भगवान के सामने प्रस्तुत करना।
- पूजा का कारण और देवता : किस मनोकामना और किस भगवान के लिए संकल्प लिया जा रहा है.
संकल्प मंत्र के फायदे
संकल्प मंत्र के फायदे के बारे मे बताए तो संकल्प मंत्र लेने के बाद पूजा पूरी श्रद्धा से होती है ओर मन सकारात्मक रहता है। पूजा मे मनसाही इच्छा जताने से भगवान तक आपकी भावना जल्दी पहुँचती है। ओर परिवार मे ओर खुद के लिए संकल्प मंत्र से सुख-शांति ओर हर काम मे सफलता की संभावना बढ़ती है।
निष्कर्ष
संकल्प मंत्र बोलने से भगवान से, मन से, ओर पूरी श्रद्धा के साथ अपना उद्देश्य और भाव प्रकट करें। आप पूजा मे संस्कृत मंत्र बोले या अपनी भाषा मे मंत्र बोले लेकिन उसके लिए आपकी मन की भावना सच्ची होनी चाहिए।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं के आधार पर प्रस्तुत की गई है। हिन्दीसनातन इस जानकारी की सत्यता या सटीकता का दावा नहीं करता है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे केवल जानकारी के रूप में लें और किसी भी धार्मिक या आध्यात्मिक निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें। हमारा उद्देश्य किसी भी प्रकार के अंधविश्वास या गलत धारणाओं को बढ़ावा देना नहीं है।
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