कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को हम लोग गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2025) मनाते हैं, ब्रजवासी गोवर्धन पूजा बड़ी धूमधाम से करते हैं और जो कृष्ण को चाहने वाले हैं वह भी गोवर्धन की पूजा बड़ी धूमधाम से करते हैं। इस दिन ब्रजवासियों की सुरक्षा ठाकुर जी ने गिरिराज पर्वत अपनी कनिष्ठिका उंगली पर उठाकर की थी। इसलिए समस्त ब्रजवासी गोवर्धन की पूजा करते हैं। क्या आप जानते हैं, गोवर्धन पूजा का पर्व क्यों मनाया जाता है? नहीं पता तो आइए जानते है इसके बारे मे।
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ऐसे हुई गोवर्धन पूजा की शुरुआत

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को govardhan पूजा मनाई जाती, गोवर्धन को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। दिवाली के दिन पड़ने वाले त्योहार पर लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं। इस दिन भगवान को अन्नकूट का भोग लगा कर सभी को प्रसाद दिया जाता है पौराणिक कथा के अनुसार
श्रीकृष्ण ने देखा कि सभी ब्रजवासी इंद्र देव की पूजा कर रहे हैं, जब उन्होंने अपनी मां को इंद्र देव की पूजा करते हुए देखा तो सवाल किया कि लोग इंद्र देव की पूजा क्यों करते हैं, उन्हें बताया गया कि इन्द्र देव वर्षा करते हैं, जिससे अन्न की पैदावार होती है, और हमारी गायों को चारा मिलता है, तब श्रीकृष्ण ने ऐसा कहा कि सबको गोवर्धन पर्वत की पूजा करने चाहिए क्योंकि हमारी गाए तो वहीं जाती हैं, उनकी बात मान कर सभी ब्रजवासी इंद्र की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे।
देवराज इंद्र ने इसे अपना अपमान समझा और प्लायर के समान मुसलाधार वर्षा शुरू कर दी प्रलय भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की भारी बारिश से रक्षा की इसके बाद इंद्र को पता चला कि श्रीकृष्ण वास्तव में विष्णु जी के अवतार हैं. और अपनी भूल का अहसास लुट बाद में इंद्र देवता को भी भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा याचना करनी पड़ी इंद्रदेव की यात्रा पर भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और ब्रजवासियों से कहा कि अब हर साल govardhan pooja कर अन्नकूट पर्व मनाए तब से यह पर गोवर्धन (Govardhan Puja Significance) के रूप में मनाया जाता।
गोवर्धन पूजा 2025 डेट और टाइम | Govardhan puja 2025 muhurat
Kab Hai Govardhan Puja 2025: पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05 बजकर 54 मिनट को प्रारंभ होगी ओर 22 अक्टूबर रात 08 बजकर 16 मिनट को समाप्त होगी, पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा का यह पर्व (Govardhan puja 21 ya 22) 22 अक्टूबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजा 2025 आज का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है –
प्रातः कल मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 43 मिनट से 09 बजकर 00 मिनट तक
अवधि – 02 घंटे 17 मिनट
संध्याकाल मुहूर्त – दोपहर 03 बजकर 51 मिनट से शाम 06 बजकर 08 मिनट तक
अवधि – 02 घंटे 17 मिनट
Govardhan puja 2025 muhurat
प्रातः कल मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 43 मिनट से 09 बजकर 00 मिनट तक
संध्याकाल मुहूर्त – दोपहर 03 बजकर 51 मिनट से शाम 06 बजकर 08 मिनट तक
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं के आधार पर प्रस्तुत की गई है। हिन्दीसनातन इस जानकारी की सत्यता या सटीकता का दावा नहीं करता है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे केवल जानकारी के रूप में लें और किसी भी धार्मिक या आध्यात्मिक निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें। हमारा उद्देश्य किसी भी प्रकार के अंधविश्वास या गलत धारणाओं को बढ़ावा देना नहीं है।
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