महाशिवरात्रि भगवान शिव का सबसे पावन पर्व है, और इस दिन Mrityunjaya Mantra का जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह मंत्र जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करता है, आरोग्य प्रदान करता है और अकाल मृत्यु से रक्षा करता है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। इस लेख में हम महामृत्युंजय मंत्र के महत्व, जाप विधि और चमत्कारी लाभों को विस्तार से जानेंगे।
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Mrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र क्या है?
Mrityunjaya Mantra भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली वैदिक मंत्र है। यह ऋग्वेद और यजुर्वेद में वर्णित है और इसे मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाला मंत्र कहा जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र mrityunjaya mantra lyrics in hindi
॥ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
इस मंत्र का अर्थ है:
“हम त्रिनेत्र वाले भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित हैं और सभी प्राणियों के पोषणकर्ता हैं। कृपया हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त करें, जैसे एक पका हुआ फल अपने डंठल से अलग हो जाता है, और हमें अमरत्व प्रदान करें।”
Mrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र का महत्व
- मृत्यु भय का नाश: यह मंत्र मृत्यु के भय को समाप्त करता है और दीर्घायु प्रदान करता है।
- रोगों से मुक्ति: महामृत्युंजय मंत्र के जाप से गंभीर बीमारियां दूर होती हैं और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से बचाने में सहायक होता है।
- मन और आत्मा की शांति: नियमित जाप से मानसिक तनाव कम होता है और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
- कार्यक्षेत्र में सफलता: जो व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है, उसे अपने कार्यों में सफलता मिलती है।
महाशिवरात्रि पर महामृत्युंजय मंत्र (mrityunjaya mantra) जाप की विधि
- सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को शुद्ध करें और शिवलिंग की स्थापना करें।
घर में शिवलिंग स्थापित करें या मंदिर में जाकर पूजा करें।
- पंचामृत से अभिषेक करें।
गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी से भगवान शिव का अभिषेक करें।
बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल अर्पित करें।
- आसन पर बैठकर मंत्र जाप प्रारंभ करें।
रुद्राक्ष की माला लेकर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
जाप करते समय एकाग्रता बनाए रखें और भगवान शिव का ध्यान करें।
- चार प्रहर की पूजा करें।
महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा करना विशेष फलदायी होता है। प्रत्येक प्रहर में 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- रात्रि जागरण करें और भजन-कीर्तन करें।
शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र और अन्य शिव भजनों का पाठ करें।
- अगले दिन पारण करें।
महाशिवरात्रि के अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-पुण्य करें, फिर स्वयं फलाहार ग्रहण करें।
महामृत्युंजय मंत्र जाप करने के नियम
- रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें।
- पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जाप करें।
- साफ और पवित्र स्थान पर बैठें।
- मंत्र का उच्चारण सही तरीके से करें।
- पूरे मन से भगवान शिव का ध्यान करें।
- जाप के बाद भगवान शिव की आरती करें।
महामृत्युंजय मंत्र के चमत्कारी लाभ
- स्वास्थ्य लाभ
यह मंत्र गंभीर बीमारियों से बचाव करता है और रोगों को दूर करता है।
कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों में लाभकारी होता है।
- अकाल मृत्यु से रक्षा
इस मंत्र का जाप करने से दुर्घटनाओं और असामयिक मृत्यु से बचाव होता है।
दीर्घायु प्राप्ति के लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावी है।
- मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा
नकारात्मक विचारों और चिंता को दूर करता है।
मन को स्थिर और शांत रखता है।
- व्यापार और करियर में सफलता
यह मंत्र आर्थिक संकटों से उबरने में मदद करता है।
व्यापार और नौकरी में उन्नति प्राप्त होती है।
- ग्रह दोषों का निवारण
यदि कुंडली में किसी भी प्रकार का ग्रह दोष हो तो यह मंत्र उसे शांत करता है।
विशेष रूप से कालसर्प दोष और शनि दोष के लिए लाभकारी है।
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि के दिन Mrityunjaya Mantra का जाप करने से जीवन में अद्भुत परिवर्तन आता है। यह मंत्र न केवल स्वास्थ्य, धन और सुख-समृद्धि प्रदान करता है, बल्कि व्यक्ति को आत्मिक बल और शांति भी देता है। इस महाशिवरात्रि पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त करें।
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